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कविता

मिस्टर टंबरिन मैन

बॉब डिलन

अनुवाद - स्वप्निल कांत दीक्षित


हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

मालूम है मुझे कल के महल आज बिखरे राखों में पड़े
धुएँ के फाहे से
अंधे कुएँ में पड़ा मैं, गायब नींद है
पस्त मेरे हौसले, मेरी खामोश चीख से
न मिलना बाकी किसी से
जमीनें इतनी सूखीं, न सपने उगे
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

आ चल हम उड़ें तेरी जादुई नाव में
होश गुम मेरे और दम खतम बाँहों में
पाँव भी सोए हैं
अपने आप आते, आवारा से पड़ते
हर मंजिल तक चलेंगे, बुझ गई वो लौ बनेंगे
अपनी नुमाइश में जलेंगे, कोई मंतर लगा, जाम दे
वादा है हम पियेंगे...
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

गूँजेंगी हँसी की, कुछ थिरकने की आवाजें, सूरज से भी आगे
ये कोई चुहल नहीं है, ये शोर है बच भागने का
और बढ़ने की हद केवल आसमाँ है
कोरस जुलूसों में एक नारा बेढंगा सा उठे
तेरी होशियार तालों में, वो बेहूदा बाजू में
उसे छोड़ो, बढ़ो आगे
वो पागल बस ढूँढ़ता है परछाइयाँ
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

और घोल दे मुझे मेरे मन के इस भँवर में,
सालों घनी तहों में, आगे झड़े पत्तों से,
रोते पडे़ पेड़ों से, हवादार किनारों में
दूर और दूर उदासी की हदों से,
जहाँ तारों तले झूमें हम, लहराती फसल से
समंदर की गोदी में चमकीली रेतों से नहाते
सारी यादें सारी किस्मतें कर लहरों के हवाले
कल भर तक बस, आज को भूल जाने दे
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

'मिस्टर टंबरिन मैन' का हिंदी अनुवाद

 


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